हंहो सा राष्ट्रभाषेति कस्य चित्ते न निश्चयः /
विदुषोSविदुषो वापि देशिनो वा विदेशिनः ! //
संस्कृतं राष्ट्रभाषेति विश्वे ते गुरवो वयं /
के वयं विश्वपटले विना संस्कृतसंस्कृतिम् ? //
विदुषोSविदुषो वापि देशिनो वा विदेशिनः ! //
संस्कृतं राष्ट्रभाषेति विश्वे ते गुरवो वयं /
के वयं विश्वपटले विना संस्कृतसंस्कृतिम् ? //
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