Wednesday, November 25, 2015

KAUMAARASAMBHAVADINE..........!

कौमारसम्भवदिने कविकालिदासः 
स्मर्येत नूनमिह काव्यरसोत्सवैस्तैः /
स्मर्येत सा वसुमती गिरिजा गिरीशं 
स्वीकर्तुमास तपसा कथमम्बुजाक्षी // 1//
स्वर्गञ्च मर्त्यमिह गर्वमदोद्धतोSसौ 
खर्वीचकार वत तारकदैत्यराजः  /
तं सर्ववंशसहितं सबलं निहन्तुं 
दाक्षी कुमारजननीत्वमलञ्चकार // 2//
तस्यै नमः सकलराक्षसनाशनायै 
तस्यै नमः सदवतारपरांबिकायै  //
तस्यै नमः सकलराज्यश्रिये श्रुतायै 
तस्यै नमः परमवैभवराष्ट्रगोप्त्र्यै // 3//
षाण्मातुराय वरदाय  



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